नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने एक बड़े साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने एक वरिष्ठ नागरिक को “डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड” के जरिए 42 लाख 49 हजार रुपये की ठगी का शिकार बनाया। यह गिरोह खुद को ईडी (Enforcement Directorate) और सीबीआई (CBI) का अधिकारी बताकर लोगों को डराता था और उनसे भारी रकम वसूलता था।
साइबर सेल की टीम, इंस्पेक्टर शिव राम के नेतृत्व में और एसीपी अनिल कुमार के पर्यवेक्षण में, इस केस की जांच कर रही थी। पुलिस को पता चला कि आरोपियों ने अपने बैंक खातों को एक अंतरराज्यीय साइबर सिंडिकेट को इस्तेमाल के लिए दिया था। बदले में इन्हें प्रति खाता ₹10,000 प्रतिमाह का भुगतान किया जाता था। इन्हीं खातों के ज़रिए देशभर में पीड़ितों के पैसे ट्रांसफर और मनी लॉन्ड्रिंग की जाती थी।
पीड़ित एक 80 वर्षीय सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी थे, जिन्हें व्हाट्सऐप कॉल पर ठगों ने संपर्क किया। कॉल करने वाले खुद को ईडी और सीबीआई का अधिकारी बताते हुए बोले कि उनके बैंक खाते से “संदिग्ध ट्रांजैक्शन” हुए हैं। उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी देकर लगातार फोन पर रखा गया ताकि वे किसी और से सलाह न ले सकें। धीरे-धीरे पीड़ित से उनकी जीवन भर की जमा पूंजी ₹42.49 लाख रुपये ठग लिए गए।
जांच के दौरान साइबर सेल ने आठ बैंक खातों का पता लगाया जो पहले स्तर (first layer) में इस ठगी के लिए इस्तेमाल किए जा रहे थे। इनमें से एक खाता महेंद्र कुमार वैष्णव के नाम से था जो धन शोधन (laundering) का प्रमुख माध्यम बना हुआ था। उसके साथ विषाल कुमार और श्याम दास, तीनों पाली (राजस्थान) के निवासी हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने कबूल किया कि वे पेशेवर रूप से “अकाउंट प्रोवाइडर” के रूप में काम करते थे। उन्होंने अपने चेकबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड और नेट बैंकिंग क्रेडेंशियल्स गिरोह के संचालकों को सौंप दिए थे। उनके खाते ठगी की रकम को अलग-अलग खातों में भेजने, छिपाने और ट्रेसिंग मुश्किल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे।
दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई से एक संगठित साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है, जो देशभर के नागरिकों को ठगने में सक्रिय था। पुलिस ने कहा कि यह गिरफ्तारी उन वित्तीय चैनलों को तोड़ने में अहम साबित हुई है, जिनके ज़रिए करोड़ों रुपये की ठगी का पैसा इधर-उधर किया जा रहा था।
फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है ताकि इस गिरोह से जुड़े अन्य मास्टरमाइंड्स को भी गिरफ्तार किया जा सके।







