
( कैम्पस कॉलिंग कार्यक्रम देश भर में लैंगिक-संवेदनशील और साइबर-सुरक्षित शैक्षिक स्थानों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें एनसीडब्ल्यू और युवा मंथन युवाओं को सशक्त बनाने और सभी के लिए सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं ) राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भारत के सबसे बड़े युवा विकास मंच युवामंथन के साथ मिलकर स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय (एसवीएसयू), मेरठ में कैंपस कॉलिंग कार्यक्रम शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य लैंगिक संवेदनशीलता को बढ़ाना, यौन उत्पीड़न की रोकथाम (पीओएसएच) के बारे में जागरूकता बढ़ाना और छात्रों को प्रभावित करने वाले साइबर अपराधों से निपटना है।
कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष सुश्री विजया राहटकर, सुभारती विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, विश्वविद्यालय महिला सशक्तिकरण प्रकोष्ठ की अध्यक्ष डॉ.अंजलि खरे, महिला आयोग के निजी सचिव राम अवतार सिंह, युवा मंथन के निदेशक नितिन अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ शल्या राज ने कार्यशाला से ज्ञान अर्जित कर महिलाओं को सशक्त बनाने में जागरूकता प्राप्त करने की बात कही। उन्होंने सफल आयोजन हेतु अपनी शुभकामनाएं दी। कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि शिक्षित महिला ही सशक्त बनती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के उत्थान हेतु आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी है। सुभारती विश्वविद्यालय लिंग संवेदीकरण हेतु प्रमुखता से कार्य कर रहा है। मेजर जनरल (डॉ.) जी.के. थपलियाल ने शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा से परे सम्मान और सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मुख्य अतिथि, एनसीडब्ल्यू की माननीय अध्यक्ष श्रीमती विजया रहाटकर ने एक प्रेरक मुख्य भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसमें लैंगिक-संवेदनशील समाज के निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा, आज हम देखते हैं कि भारतीय युवा दुनिया की कुछ सबसे बड़ी कंपनियों का नेतृत्व कर रहे हैं। दुनिया भारतीय युवाओं की क्षमता की प्रशंसा करती है। हम 25 साल के ‘स्वर्णिम काल’- ‘अमृत काल’ के बीच में हैं और मुझे विश्वास है कि विकसित भारत के सपने हमारी युवा शक्ति के माध्यम से साकार होंगे। जैसा कि डॉ. होमी जहांगीर भाभा ने एक बार कहा था, युवाओं को लगातार प्रयोग करते रहना चाहिए, क्योंकि नवाचार युवा हाथों से ही निकलता है।”महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए, श्रीमती राहतकर ने कहा, “हमारे देश ने हमेशा महिलाओं को सशक्त बनाया है और आज हमारी बेटियाँ लड़ाकू विमान उड़ाकर, सशस्त्र बलों में लड़ाकू भूमिकाएँ निभाकर और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष में उत्कृष्टता हासिल करके बाधाओं को तोड़ रही हैं। यह एक शक्तिशाली बयान है कि भारत पूरी ताकत के साथ अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ रहा है।”एसवीएसयू के कुलपति मेजर जनरल (डॉ.) जी.के. थपलियाल ने शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा से परे सम्मान और सुरक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया।
(डॉ.) जी.के. थपलियाल ने ब्यूरो चीफ विजय गौड़ को बताया कि पहल के हिस्से के रूप में, छात्रों ने लैंगिक संवेदनशीलता, POSH और साइबर सुरक्षा पर शपथ ली, जिससे सम्मानजनक और सुरक्षित परिसरों को बढ़ावा देने के लिए उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई। कार्यक्रम में प्रत्येक संस्थान से दो महिला और दो पुरुष कैंपस एंबेसडर के चयन की भी घोषणा की गई, जो अपने साथियों के बीच संवेदनशीलता प्रयासों का नेतृत्व करेंगे और सुरक्षा, समानता और सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देंगे।कैंपस कॉलिंग कार्यक्रम का लक्ष्य देश भर के 1,000 से अधिक विश्वविद्यालयों और कॉलेजों तक पहुंचना है, जो इसे NCW द्वारा शुरू की गई सबसे व्यापक युवा-केंद्रित पहलों में से एक बनाता है। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को लिंग आधारित भेदभाव, उत्पीड़न और साइबर अपराधों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए ज्ञान और कौशल से लैस करना है।इस कार्यक्रम का आयोजन SVSU के IPR सेल, महिला सशक्तिकरण समिति, लिंग संवेदनशीलता सेल और लिंग समानता और समान अवसर सेल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था, जिसमें SVSU के सीईओ प्रो. (डॉ.) शल्या राज और युवामंथन के नेतृत्व सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।कैम्पस कॉलिंग कार्यक्रम देश भर में लैंगिक-संवेदनशील और साइबर-सुरक्षित शैक्षिक स्थानों के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें एनसीडब्ल्यू और युवा मंथन युवाओं को सशक्त बनाने और सभी के लिए सुरक्षित वातावरण को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।
दिल्ली से ब्यूरो चीफ विजय गौड़ की विशेष रिपोर्ट