
दिल्ली की सर्द सुबह में, चांदनी चौक की ऐतिहासिक गलियों में उम्मीद और उमंग का माहौल देखने को मिला। विद्या चैरिटेबल ट्रस्ट ने गरीब और जरूरतमंद बच्चों के लिए एक खास कंबल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जो थान सिंह की प्रसिद्ध पाठशाला में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में छोटे-छोटे चेहरों पर खुशी और उत्साह साफ झलक रहा था।
ट्रस्ट की अध्यक्ष रश्मि रानी ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल कंबल देना नहीं, बल्कि इन बच्चों के जीवन में गर्माहट और नई उम्मीद जगाना है।” उन्होंने बच्चों से उनके सपनों और इच्छाओं के बारे में बात की और उन्हें जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान 100 से अधिक कंबल बांटे गए। रोहन नाम के एक छोटे लाभार्थी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह कंबल मेरे लिए केवल कपड़ा नहीं, बल्कि एक नए भविष्य की आशा है।”

ट्रस्ट की टीम, जिसमें प्रियंका गोयल, चारु, कृष्णा और विशाखा शामिल थीं, ने सुनिश्चित किया कि हर जरूरतमंद बच्चे तक सहायता पहुंचे। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस आयोजन को महज एक वितरण कार्यक्रम से बढ़कर एक करुणा और सहयोग का उत्सव बना दिया।
यह पहल ठंड से राहत देने के साथ ही समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दे गई: छोटे-छोटे प्रयास भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं। विद्या चैरिटेबल ट्रस्ट की यह कोशिश अन्य संगठनों और व्यक्तियों के लिए प्रेरणा बन गई, जो समाज के कमजोर वर्गों की सहायता करना चाहते हैं।
यह कार्यक्रम सिर्फ कंबल बांटने का नहीं, बल्कि एक बेहतर समाज की ओर कदम बढ़ाने का प्रतीक था। विद्या चैरिटेबल ट्रस्ट ने यह साबित कर दिया कि करुणा और कर्म के मेल से हम सभी के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकते हैं।