
दिल्ली के सदर बाजार इलाके में गला दबाकर एक व्यक्ति से मोबाइल फोन, नकदी और आधार कार्ड की लूट का मामला महज 12 घंटे में सुलझा लिया गया। इस सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने धर दबोचा है, जिनमें एक नाबालिग शामिल है। मुख्य आरोपी यासर एक आदतन अपराधी है, जो नए लड़कों को अपराध की दुनिया में उतारने का काम करता था।
मामला 1 जुलाई की सुबह का है जब अहाता किदारा, सदर बाजार निवासी मोहम्मद क़यमुद्दीन, जो राम कुमार मार्ग स्थित अपनी पंक्चर की दुकान की ओर जा रहे थे, तभी शाही ईदगाह पार्क के पास दो युवकों ने अचानक उनका गला दबाकर उन्हें लूट लिया। लुटेरे उनके पास से एक मोबाइल फोन, करीब 1500 रुपये नकद और आधार कार्ड लेकर फरार हो गए।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सदर बाजार थाने की एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई संदीप यादव की अगुवाई में कई पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया। पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले जिसमें दोनों आरोपियों की तस्वीरें साफ नजर आईं। हालांकि शुरुआती खोजबीन में पुलिस को सफलता नहीं मिली, लेकिन बाद में गुप्त सूत्रों और तकनीकी निगरानी के जरिए पुलिस ने दोनों को उसी दिन शाम करीब 5 बजे राम कुमार वर्मा मार्ग के पास से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में मुख्य आरोपी यासर ने खुलासा किया कि वह और उसका नाबालिग साथी सुबह-सुबह राहगीरों को निशाना बनाते थे ताकि आसानी से फरार हो सकें। लूट के बाद उन्होंने कुछ पैसे नशे और शराब में उड़ा दिए थे और मोबाइल फोन बेचने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी ने उन्हें समय रहते दबोच लिया।
यासर, जिसकी उम्र 21 वर्ष है, पहले भी दिल्ली के कई थानों में लूट, झपटमारी, चोरी और एनडीपीएस एक्ट के तहत 10 मामलों में शामिल रह चुका है। वह केवल 5वीं कक्षा तक पढ़ा है और पिछले तीन वर्षों से अपराध की दुनिया में सक्रिय है। नाबालिग आरोपी ने भी कबूल किया कि उसे यासर ने ही अपराध की राह दिखाई।
पुलिस ने आरोपियों के पास से लूटा गया मोबाइल फोन, 1,000 रुपये नकद और आधार कार्ड बरामद कर लिया है। सदर बाजार पुलिस की इस तेज़ कार्रवाई की स्थानीय स्तर पर सराहना हो रही है।