नई दिल्ली, 22 सितंबर 2025।
दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेन्स विंग (EOW) ने सरकारी योजना के नाम पर देशभर में ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। आरोपी ‘राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन’ (RGSM) और ‘राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन’ जैसी नकली योजनाओं के नाम पर लोगों से करोड़ों की ठगी कर रहे थे।
शिकायतकर्ता ने EOW को बताया कि आरोपियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर और RGSM को भारत सरकार की योजना बताकर उसे ठेका देने का झांसा दिया। आरोपियों ने उससे स्कूल ड्रेस की सप्लाई ली, लेकिन भुगतान नहीं किया। इतना ही नहीं, ठेका दिलाने के नाम पर करीब 2 करोड़ रुपये की भारी-भरकम कमीशन भी वसूली। जांच के बाद मंडिर मार्ग थाना EOW में एफआईआर दर्ज की गई।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने RGSM के नाम से फर्जी ट्रस्ट बनाया और बैंक खाता खोला। यहां तक कि अखबारों में विज्ञापन छपवाए और नकली लेटरहेड पर खुद को आईएएस अधिकारी बताकर लोगों को धोखा दिया। आरोपियों ने ‘अर्नेस्ट मनी’, कमीशन और स्टांप पेपर चार्जेस के नाम पर भी मोटी रकम ऐंठी।
इसी कड़ी में आरोपी रत्नाकर उपाध्याय और अनीता उपाध्याय को जुलाई में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद तकनीकी निगरानी और कई राज्यों में छापेमारी कर पुलिस ने 15 सितंबर को आरोपी सौरभ सिंह को लखनऊ से दबोच लिया।
पुलिस ने कार्रवाई में लगभग 45 हजार स्कूल ड्रेस (कीमत करीब 1.5 करोड़), 2.79 लाख रुपये नकद, सोने की चेन और अंगूठी बरामद की है। साथ ही आरोपियों द्वारा अपराध की रकम से खरीदी गई दो फ्लैट और एक कार टॉयोटा हाय-राइडर की भी पहचान की गई है, जिन्हें अटैच करने की प्रक्रिया चल रही है।
EOW की जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी रत्नाकर उपाध्याय का लंबा आपराधिक इतिहास है। उस पर यूपी और दिल्ली में रेप, धोखाधड़ी और नकली दस्तावेज बनाने जैसे गंभीर मामलों में कई एफआईआर दर्ज हैं। अनीता उपाध्याय ट्रस्ट की प्रमुख थी और खाते की साइनिंग अथॉरिटी भी। वहीं, आरोपी सौरभ सिंह के खिलाफ भी यूपी में गैंगस्टर एक्ट और धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं।
दिल्ली में ही नहीं, बल्कि यूपी, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी इस गिरोह के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं। EOW अब तक 6 अन्य मामलों की जांच कर रही है।
दिल्ली पुलिस ने जनता को सतर्क करते हुए अपील की है कि किसी भी सरकारी योजना, ट्रस्ट या संगठन के नाम पर पैसा लगाने या टेंडर लेने से पहले उसकी पूरी जानकारी सरकारी विभागों और अधिकृत वेबसाइट से अवश्य जांच लें। किसी भी तरह की अग्रिम रकम जैसे अर्नेस्ट मनी, प्रोसेसिंग फीस या स्टांप पेपर चार्जेस बिना पुष्टि के न दें। संदिग्ध गतिविधि दिखने पर तुरंत नजदीकी थाने या दिल्ली पुलिस हेल्पलाइन को सूचित करें।
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने साफ किया है कि ऐसे ठगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा।






