
दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा ने एक ऐसे गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो निष्क्रिय बैंक खातों से फर्जी चेक के जरिए करोड़ों रुपये निकालने की साजिश रच रहे थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान 26 वर्षीय कपिल कुमार और 36 वर्षीय लोकेन्द्र उर्फ जुगनू के रूप में हुई है, जो उत्तर प्रदेश के अमरोहा और बुलंदशहर के रहने वाले हैं।
मामला तब सामने आया जब शिकायतकर्ता संजीव कुमार को उनके बैंक से जानकारी मिली कि उनके खाते से 2.43 करोड़ रुपये फर्जी चेक के जरिए निकाले गए हैं, जबकि उनके पास मौजूद चेक सुरक्षित थे। जांच में पता चला कि आरोपियों ने निष्क्रिय खातों को निशाना बनाकर फर्जी चेक तैयार किए और बड़ी रकम निकाल ली।
पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष टीम का गठन किया, जिसने तकनीकी निगरानी और कॉल रिकॉर्ड विश्लेषण के बाद 26 फरवरी को दोनों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि उन्हें धर्मेंद्र चौहान नाम के व्यक्ति ने मोटे कमीशन का लालच देकर अपने बैंक खातों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार किया था। इस पूरे षड्यंत्र में एहतशाम नाम का शख्स भी शामिल था, जिसकी तलाश जारी है।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने दो मोबाइल फोन, तीन सिम कार्ड, तीन एटीएम कार्ड, पांच चेकबुक और एक पासबुक बरामद की। पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी हुई है और बैंकिंग प्रणाली में सेंध लगाने के इस बड़े षड्यंत्र की गहराई से जांच कर रही है।