नई दिल्ली, 2 अक्टूबर 2025।
साउथ-वेस्ट दिल्ली पुलिस ने ऑपरेशन “मिलाप” के तहत एक बार फिर मानवता और जिम्मेदारी की मिसाल पेश की है। पुलिस की मेहनत और संवेदनशीलता से सितंबर महीने (01.09.2025 से 30.09.2025) के दौरान कुल 106 लापता लोगों को सुरक्षित खोज निकाला गया, जिनमें 31 लापता/अपहृत बच्चे और 75 वयस्क शामिल हैं। सभी को सकुशल उनके परिजनों से मिलवाया गया।
दिल्ली पुलिस की टीमें जैसे ही किसी गुमशुदा या अपहृत व्यक्ति की रिपोर्ट पातीं, तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू कर देती हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, ई-रिक्शा और ऑटो स्टैंड पर तस्वीरें दिखाईं, बस ड्राइवरों व कंडक्टरों से पूछताछ की और स्थानीय मुखबिरों की मदद ली। नजदीकी थानों और अस्पतालों का रिकॉर्ड भी खंगाला गया। इन तेज और समन्वित प्रयासों का नतीजा यह रहा कि दर्जनों परिवारों के चेहरे पर फिर से मुस्कान लौट आई।
पिछले महीने के दौरान अलग-अलग थानों की पुलिस टीमों ने शानदार काम किया। सागरपुर थाना स्टाफ ने 5 बच्चों और 25 वयस्कों को ढूंढ निकाला। कपाशेड़ा पुलिस ने 10 बच्चों और 10 वयस्कों को बरामद किया। पालम विलेज, वसंत कुंज साउथ, किशनगढ़, एस.जे. एन्क्लेव, वसंत कुंज नॉर्थ, आर.के. पुरम, वसंत विहार, दिल्ली कैंट, सरोजिनी नगर और साउथ कैंपस थानों ने भी लगातार प्रयास कर बच्चों और वयस्कों को ढूंढकर परिवारों से मिलवाया। इसके अलावा एंटी-ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने भी 2 बच्चियों को बरामद कर परिजनों के हवाले किया।
केवल सितंबर महीने में ही नहीं, बल्कि इस साल अब तक (01.01.2025 से 30.09.2025) साउथ-वेस्ट जिले की पुलिस ने कुल 1037 गुमशुदा व्यक्तियों को ढूंढ निकाला है, जिनमें 337 नाबालिग बच्चे और 700 वयस्क शामिल हैं।
साउथ-वेस्ट जिले के डीसीपी अमित गोयल (IPS) ने कहा कि “ऑपरेशन मिलाप के जरिए पुलिस न सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने का काम कर रही है, बल्कि मानवता की सेवा में भी आगे बढ़ रही है। इन प्रयासों से कई परिवारों को राहत और उम्मीद मिली है।”
इस तरह, ऑपरेशन मिलाप ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस सिर्फ अपराध रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज और परिवारों को जोड़ने की संवेदनशील कड़ी भी है।







