
दक्षिण-पश्चिम जिले की AATS टीम ने अवैध रूप से भारत में रह रहे एक बांग्लादेशी नागरिक को धर दबोचा है, जो पिछले 15 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के सहारे देश में रह रहा था। गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने वसंत कुंज इलाके से उसे हिरासत में लिया और पूछताछ के बाद उसकी असली पहचान उजागर की गई। इसके बाद फ्रॉड दस्तावेजों के आधार पर रह रहे इस विदेशी नागरिक के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया पूरी कर उसे देश से वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पुलिस के अनुसार, पकड़े गए व्यक्ति की पहचान ओहिद के रूप में हुई है, जो मूल रूप से ब्राह्मिन चिरान, थाना वारी, जतराबाड़ी, ढाका, बांग्लादेश का निवासी है। पूछताछ के दौरान वह खुद को पश्चिम बंगाल के नदिया जिले का निवासी बताते हुए आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस दिखा रहा था, जिसमें उसका नाम मोहम्मद रोहित शेख लिखा था। लेकिन जब गहराई से पूछताछ की गई, तो उसने स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है और करीब 15 साल पहले सीमा पार कर अवैध रूप से भारत में घुसा था।
पूछताछ के दौरान ओहिद के पास से बांग्लादेश का राष्ट्रीय पहचान पत्र और पासपोर्ट भी बरामद किया गया। जिसके बाद पुलिस ने सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर एफआरआरओ (FRRO), दिल्ली की मदद से उसके डिपोर्टेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
इस पूरी कार्रवाई को इंस्पेक्टर राम कुमार के नेतृत्व में और एसीपी ऑपरेशन विजय कुमार की देखरेख में अंजाम दिया गया। टीम में एएसआई विनोद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल मोहित, नरेंद्र और हरिओम शामिल थे। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई अवैध रूप से भारत में रह रहे विदेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त निगरानी और कार्रवाई की नीति के तहत की गई है।
दिल्ली पुलिस की इस सतर्कता और तत्परता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अवैध घुसपैठ को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।