
देवों के देव महादेव और जगतजननी मां कालका के परम आशीर्वाद से इतिहास रचने का पुण्य कार्य संपन्न होने जा रहा है। इस बार 400 अस्थि कलशों की “24वीं अस्थि कलश विसर्जन यात्रा” का आयोजन श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के पीठाधीश्वर महंत श्री रामनाथ जी महाराज के सानिध्य में किया जाएगा। पितृदेवों के माध्यम से इस यात्रा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिन्दू सिख भाईचारे द्वारा एकजुट किया गया है।
यह यात्रा 21 फरवरी 2025 को प्रातः 9 बजे बैंड-बाजों और महादेव के भव्य रथ के साथ अट्टारी बार्डर से हरिद्वार के लिए रवाना होगी। इस ऐतिहासिक यात्रा का आयोजन श्री देवोत्थान सेवा समिति (पंजी.) द्वारा किया जा रहा है। इन 400 अस्थि कलशों को भारत-पाक बार्डर पर श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर के महंत जी द्वारा ससम्मान अट्टारी बार्डर पर सौंपा गया था। इसके बाद, इन अस्थि कलशों को दिल्ली के प्राचीन निगम बोध घाट, जमना बाजार, कश्मीरी गेट में श्रद्धा के साथ विराजमान किया गया।
चूंकि पाकिस्तान से महाराज जी को दिल्ली का वीजा नहीं मिल पाया, वे सीधे कुंभ स्नान करके हरिद्वार पहुंचेंगे। यात्रा का अंतिम चरण 22 फरवरी 2025 को हरिद्वार के कनखल स्थित सतीघाट पर संपन्न होगा। दोपहर 1 बजे इन अस्थि कलशों को 100 किलो दूध की धारा के साथ वैदिक रीति से मोक्ष प्रदान किया जाएगा।
यह यात्रा भारतीय और पाकिस्तानी हिन्दू सिख समुदाय के मिलन और धार्मिक एकता का प्रतीक बनेगी। इस पुण्य कार्य के द्वारा महादेव की कृपा से अस्थि कलशों को मोक्ष प्रदान किया जाएगा और हर दिल में श्रद्धा का एक नया संचार होगा।