
दिल्ली पुलिस की एंटी-स्नैचिंग सेल ने एक बड़े ठगी के मामले में सफलता हासिल करते हुए 59 वर्षीय मोहन राय को गिरफ्तार किया है, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर एक कारोबारी से 30 लाख रुपये की ठगी की थी।
घटना 20 नवंबर 2024 की है, जब हार्डवेयर व्यापारी रमेश शर्मा ने गौरोव सोनी को सुनहरे रंग के दो मोती दिखाए, जिनकी जांच करने पर वे 78% शुद्ध सोने के निकले। कुछ दिनों बाद, रमेश शर्मा को वही लोग मिले, जो खुद को परिवार बता रहे थे—एक महिला और दो पुरुष (पिता-पुत्र)। उन्होंने बताया कि खुदाई में मिले सोने को वे बेचना चाहते हैं।
26 नवंबर को सोने का सौदा 80 लाख रुपये में तय हुआ। गौरोव सोनी ने बाजार से 30 लाख रुपये उधार लेकर अग्रिम राशि के तौर पर दिए और बाकी पैसे असली सोना मिलने के बाद देने की बात तय हुई। लेकिन जब उन्होंने दिया गया ‘रानी हार सेट’ जांचा, तो उसमें सोने का नामोनिशान नहीं था। ठगी का एहसास होते ही जब उन्होंने उन लोगों से संपर्क करने की कोशिश की, तो उनके फोन बंद मिले।
पीड़ित गौरोव सोनी ने 25 दिसंबर 2024 को पालम विलेज थाने में एफआईआर दर्ज कराई, लेकिन ठगों का कोई सुराग नहीं मिला। 8 फरवरी 2025 को मामला एंटी-स्नैचिंग सेल को सौंपा गया। इंस्पेक्टर हरी सिंह के नेतृत्व में बनी टीम ने सैकड़ों मोबाइल नंबरों की कॉल डिटेल खंगाली और गुप्त जानकारी जुटाई। आखिरकार 3 मार्च को मुख्य आरोपी मोहन राय को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि यह ठगी उसने अपने साथी बाबू लाल और लक्ष्मी के साथ मिलकर की थी। लक्ष्मी ने नकली सोने का हार उपलब्ध कराया था, जबकि मोहन राय को इस ठगी में 9.5 लाख रुपये मिले थे।
पुलिस ने अब तक 1.70 लाख रुपये बरामद किए हैं और बाकी आरोपियों की तलाश जारी है।