नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने CAG रिपोर्ट के खुलासों को लेकर केजरीवाल सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि दिल्ली की शराब नीति के जरिए केजरीवाल सरकार ने अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए भ्रष्टाचार किया और सरकारी खजाने को ₹2,026 करोड़ का भारी नुकसान पहुंचाया।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि इस नीति को बिना कैबिनेट और उपराज्यपाल की मंजूरी के लागू किया गया, जो सीधे तौर पर संविधान का उल्लंघन है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सरकार ने विशेषज्ञों की सिफारिशों को पूरी तरह नजरअंदाज किया और शराब नीति को मनमाने तरीके से तैयार किया।
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि वित्तीय घाटे में चल रही कंपनियों को लाइसेंस दिए गए, COVID-19 के नाम पर करीबियों को ₹144 करोड़ की रियायतें दी गईं, और कई विक्रेताओं द्वारा लाइसेंस सरेंडर करने के बावजूद नए टेंडर नहीं जारी किए गए, जिससे ₹890 करोड़ का नुकसान हुआ।
गुप्ता ने आरोप लगाया कि यह घोटाला केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सुनियोजित साजिश थी, जिसमें पार्टी नेताओं को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया। उन्होंने मांग की कि केजरीवाल इस घोटाले की जिम्मेदारी लें और जनता को जवाब दें कि विशेषज्ञों की सलाह को क्यों नजरअंदाज किया गया।
“यह रिपोर्ट केजरीवाल सरकार की कथित ईमानदारी की पोल खोलती है,” विजेंद्र गुप्ता ने कहा। उन्होंने केजरीवाल से ₹2,026 करोड़ के नुकसान पर सफाई देने और इस्तीफे की मांग की।