(20/02/2023)
आयकर की जगह जायकर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ नहीं ? -डॉ. वेदपà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ª वैदिक
![](http://www.samacharvarta.com/matri2/inter_image/Screenshot_20230220-073232_WhatsApp.jpg)
हमारे देश में आयकर याने इनकम टैकà¥à¤¸ फारà¥à¤® à¤à¤°à¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ 7 करोड़ के आस-पास है लेकिन उनमें से मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² से 3 करोड़ लोग टैकà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं। कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤-जैसे 140 करोड़ के देश में ढाई-तीन करोड़ लोग ही इस लायक हैं कि सरकार उनसे टैकà¥à¤¸ वसूल सकती है? कà¥à¤¯à¤¾ ये ढाई-तीन करोड़ लोग à¤à¥€ अपना टैकà¥à¤¸ पूरी ईमानदारी से चà¥à¤•à¤¾à¤¤à¥‡ हैं? नहीं, बिलà¥à¤•à¥à¤² नहीं! ईमानदारी से पूरा टैकà¥à¤¸ चà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤µà¤¾à¤²à¥‡ लोगों को ढूंढ निकालना लगà¤à¤— असंà¤à¤µ है याने जो टैकà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं, वे à¤à¥€ टैकà¥à¤¸-चोरी करते हैं। जो नहीं à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं और जो à¤à¤°à¤¤à¥‡ हैं, वे सब टैकà¥à¤¸-चोर बना दिठजाते हैं। हमारी टैकà¥à¤¸ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ à¤à¤¸à¥€ है कि जो हर नागरिक को चोर बनने पर मजबूर कर देती है। हर मोटी आमदनीवाला मालदार आदमी à¤à¤¸à¥‡ चारà¥à¤Ÿà¤°à¥à¤¡ à¤à¤•à¤¾à¤‰à¤‚ट की शरण लेता है, जो उसे टैकà¥à¤¸ चोेरी के नà¤-नठगà¥à¤° सिखाता है। इस सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ को यदि हमारी सरकारें सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर लें तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में टैकà¥à¤¸-वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में इतना सà¥à¤§à¤¾à¤° हो सकता है कि कम से कम 30 करोड़ लोग टैकà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¨à¥‡ लगें। देश में 30-40 करोड़ लोग à¤à¤¸à¥‡ हैं, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हम मधà¥à¤¯à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ का मानते हैं। हर मधà¥à¤¯à¤® शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ का नागरिक टैकà¥à¤¸ देना चाहेगा लेकिन यदि वह आयकर 10-15 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से शà¥à¤°à¥ होगा तो उसका पेट à¤à¤°à¤¨à¤¾ à¤à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो जाà¤à¤—ा। इसकी बजाय आयकर का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ à¤à¤•à¤¦à¤® घटा दिया जाठतो इतने जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ लोग टैकà¥à¤¸ à¤à¤°à¤¨à¥‡ लगेंगे कि वह 11 लाख करोड़ रू. से कहीं डेà¥à¤¾-दà¥à¤—à¥à¤¨à¤¾ हो सकता है। लोगों में जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ का à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पैदा होगा और सरकार की जवाबदेही à¤à¥€ बà¥à¥‡à¤—ी। आम आदमी पर हमारी नौकरशाही का रोब-दाव à¤à¥€ घटेगा। कई देश à¤à¤¸à¥‡ हैं, जिनमें आमदनी पर कोई टैकà¥à¤¸ ही नहीं लगता। कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸à¥€ नेता और पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ वसंत साठे और मैंने लगà¤à¤— 35 साल पहले à¤à¤• मà¥à¤¹à¥€à¤® शà¥à¤°à¥ की थी, जिसमें हमारी मांग थी कि आयकर को खतà¥à¤® किया जाठऔर उसकी जगह जायकर लगाया जाठयाने आमदनी पर नहीं, खरà¥à¤š पर टैकà¥à¤¸ लगाया जाà¤à¥¤ इसके कई फायदे होंगे। पहला तो यही कि टैकà¥à¤¸-चोरी की आदत पर लगाम लगेगी। दूसरा, लोगों के खरà¥à¤š घटेंगे। उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¦ और फिजूलखरà¥à¤šà¥€ घटेगी और बचत बà¥à¥‡à¤—ी। तीसरा, आयकर विà¤à¤¾à¤— बंद होगा, जिससे सरकार का करोड़ों रूपया बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ होने से बचेगा। चौथा, नागरिकों का सिरदरà¥à¤¦ घटेगा। पांचवां, डिजिटल वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ के कारण हर खरीदी पर उपà¤à¥‹à¤•à¥à¤¤à¤¾ का टैकà¥à¤¸ ततà¥à¤•à¤¾à¤² कट जाà¤à¤—ा। अà¤à¥€ टैकà¥à¤¸-चेारी के बावजूद अकेले गà¥à¥œà¤—ांव में विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ कंपनियों पर 13 हजार करोड़ रà¥. का आयकर बक़ाया है। पूरे à¤à¤¾à¤°à¤¤ में इस साल सिरà¥à¤« 11 लाख 35 हजार करोड़ रू. का आयकर वसूला गया है। लेकिन इससे कई गà¥à¤¨à¤¾ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पैसा चोरी हà¥à¤† है और बक़ाया है। यदि आयकर घटे या खतà¥à¤® हो तो सरकार की आमदनी बà¥à¥‡à¤—ी और लोगों को à¤à¥€ राहत मिलेगी। |
Copyright @ 2019.