देवों ने पितरों से कहा , जाकर धरा पर देखिये
किस हाल हैं वंशज स्वम् ,घर में जाकर देखिये
पूर्णमासी से अमावस मनुलोक विचरण कीजिये
सम्मान उनसे लीजिये,ख़ूब नेह आशीष दीजिये।
इस पक्ष के स्वामी हैं आप, वसुंधरा अब आपकी
आपका आदेश चलेगा ,पूजन आराधना आपकी
आपका ही उत्सव है ये ,जैसे चाहें वैसे मनवाईये
भोग भोजन खाईये और तर्पण दान करवाइये।
पुरखें हमें आशीष दे हम नाम उनका ही बढायें
काम कुछ ऐसा करें , कुल के दीपक बोले जायें
आपके वंशज हैं हम , स्वागत है पुरखों आपका
हम प्राणियों को चाहिये,ह्र्दयाशीष ढ़ेरों आपका।
* डॉ. दीपक शर्मा *