
दिल्ली के गुलाबी बाग इलाके में गश्त कर रही पुलिस टीम ने मानवता और सतर्कता की मिसाल पेश करते हुए एक तीन साल के लापता मासूम को परिजनों से मिलवा दिया। घटना 19 मई की शाम की है, जब पीपी अंधा मुग़ल की टीम—एएसआई विनोद और कांस्टेबल राहुल—गश्त पर थे। तभी पुरानी रोहतक रोड पर उन्होंने एक रोते हुए छोटे बच्चे को अकेले भटकते देखा।
बच्चे से बातचीत की गई लेकिन वह न तो अपना नाम ठीक से बता सका और न ही अपने घर का पता। पुलिसकर्मियों ने बच्चे को कस्टडी में लेकर उसे खाने का सामान दिया और शांत किया। इसके बाद एसआई योगेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई, जिसने बच्चे के परिजनों को खोजने के लिए इलाके में मैनुअल सर्च, दुकानदारों से पूछताछ, सोशल मीडिया और धार्मिक स्थलों पर अनाउंसमेंट जैसी हरसंभव कोशिश की।
लगातार कोशिशों का नतीजा कुछ ही घंटों में सामने आया जब किशनगंज की नई बस्ती में रहने वाले बच्चे के माता-पिता ढूंढते हुए खुद गुलाबी बाग थाने की ओर जा रहे थे। पुलिस टीम से मिलते ही जब उन्होंने अपने बच्चे को सुरक्षित देखा तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे।
‘ऑपरेशन मिलाप’ के तहत बच्चे को सही-सलामत परिवार को सौंपा गया। परिजनों ने दिल्ली पुलिस का दिल से धन्यवाद किया।