
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को नशा विरोधी मुहिम में बड़ी कामयाबी मिली है। एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने 500 किलो गांजा तस्करी के मामले में छह साल से फरार मास्टरमाइंड जमील अहमद को हरियाणा के नूंह जिले के पिनंगवान गांव से गिरफ्तार कर लिया।
12 जून 2019 को कश्मीरी गेट के मेटकाफ बस स्टैंड से 500 किलो गांजा जब्त किया गया था, जिसमें तीन आरोपी पकड़े गए थे। पूछताछ में पता चला कि गांजा की खरीद फरोख्त का सरगना जमील अहमद था, जो ओडिशा से माल मंगवाता था और हरियाणा में सप्लाई करता था।
पुलिस की कई कोशिशों के बावजूद वह गिरफ्तारी से बचता रहा। इस बीच वह मुंबई में इवेंट मैनेजमेंट का काम करने लगा और पहचान छिपाने के लिए बार-बार मोबाइल नंबर बदलता रहा।
लेकिन मई 2025 में दिल्ली पुलिस की टीम ने पुख्ता सूचना के आधार पर उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने बताया कि उसने ओडिशा के गजपति जिले के गैब्रियल और पॉल नामक दो तस्करों से गांजा खरीदा था। पुलिस अब इस सिंडिकेट के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है।
जमील पर पहले से एनडीपीएस और आबकारी अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। यह गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस की ‘नशा मुक्त भारत’ अभियान के तहत एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।