
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए एक ऐसे ठग को गिरफ्तार किया है, जो पिछले छह सालों से कानून की गिरफ्त से बाहर था। आरोपी तरुण कुमार (29), जो कि हरियाणा के करनाल का निवासी है, साल 2019 से फरार चल रहा था। उस पर 1 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप है।
दरअसल, 2019 में शिकायतकर्ता सुनील जुनेजा को मोहम्मद अशरफ नाम के व्यक्ति ने निवेश का लालच देकर ठगा था। उसने दावा किया था कि यदि वह अपनी कंपनी में 1 करोड़ रुपये नकद निवेश करता है, तो उसे 1.25 करोड़ रुपये आरटीजीएस के माध्यम से वापस मिलेंगे। इस ऑफर के झांसे में आकर शिकायतकर्ता ने रकम जुटाई और 15 जनवरी 2019 को करनाल में आरोपी तरुण कुमार और अजीत को यह राशि सौंप दी। लेकिन इसके बाद सभी आरोपी फरार हो गए। मामले में पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी थी, और मोहम्मद अशरफ की गिरफ्तारी भी हो चुकी थी, लेकिन तरुण कुमार और उसके अन्य साथी लगातार पुलिस से बचते रहे।
क्राइम ब्रांच की सेंट्रल रेंज टीम, जिसमें एसआई पंकज, एसआई विकास, एएसआई भोला नाथ और एएसआई राजीव शामिल थे, ने इस केस की गहन जांच शुरू की। तकनीकी निगरानी और मैनुअल इंटेलिजेंस के आधार पर टीम को जानकारी मिली कि आरोपी करनाल के सेक्टर-3 में छिपा हुआ है। इसके बाद 19 फरवरी 2025 को छापेमारी की गई और 20 फरवरी को आरोपी को धर दबोचा गया।
पूछताछ में पता चला कि तरुण कुमार ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की पढ़ाई उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर से की थी और वह इंश्योरेंस सेक्टर में काम करता था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा और अलग-अलग काम भी करता रहा।
क्राइम ब्रांच के डीसीपी विक्रम सिंह ने बताया कि इस गिरफ्तारी से ठगी के इस बड़े मामले में अहम सफलता मिली है और पुलिस अन्य फरार आरोपियों की भी तलाश कर रही है।