
दिल्ली पुलिस की एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वॉड (AATS) द्वारका ने एक अंतरराज्यीय कार चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह के सरगना रवि उर्फ महेश उर्फ राजू समेत तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। पकड़े गए आरोपियों में मोनू उर्फ मनीष और विशाल भी शामिल हैं। पुलिस ने इनके पास से चोरी की गई पांच हाई-एंड कारें, दो वॉकी-टॉकी सेट, छह ब्लैंक रिमोट की, जामर्स और अन्य उपकरण बरामद किए हैं।
यह गैंग बेहद पेशेवर तरीके से काम करता था। आरोपियों के पास ऑन-बोर्ड डायग्नोस्टिक (OBD) डिवाइस X-Tool मिला, जिसकी मदद से वे कार की डिजिटल चाबी को ब्लैंक की पर ट्रांसफर कर देते थे और महज 5-7 मिनट में कार चोरी कर फरार हो जाते थे। वे खासतौर पर सुबह के वक्त पार्कों और जिम के बाहर खड़ी क्रेटा, फॉर्च्यूनर और ब्रेज़ा जैसी महंगी गाड़ियों को निशाना बनाते थे।
गिरफ्तारी के दौरान आरोपी चोरी की गई एक सफेद क्रेटा कार में सवार थे, जिसे नकली नंबर प्लेट के साथ इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर द्वारका के सुराज विहार में जाल बिछाकर इन्हें धर दबोचा। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये आरोपी पिछले 10 महीनों में करीब 90-100 गाड़ियां चोरी कर चुके हैं।
इस गिरोह का मास्टरमाइंड रवि उर्फ महेश उर्फ राजू 48 मामलों में पहले भी शामिल रहा है, जबकि मोनू और विशाल क्रमशः 23 और 14 मामलों में संलिप्त पाए गए हैं। खास बात यह है कि ये सभी आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं और कार चोरी को अपने पारिवारिक धंधे की तरह चला रहे थे।
पुलिस की टीम ने लुधियाना, राजपुरा (पंजाब) और सिरसा (हरियाणा) में छापेमारी कर इनके नेटवर्क का पता लगाया। गिरोह का चौथा सदस्य कालू अभी फरार है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस अब चोरी की गई कारों के खरीदारों की पहचान कर रही है और पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने में जुटी है।
इस बड़ी कार्रवाई के बाद दिल्ली पुलिस ने एक बार फिर दिखा दिया है कि हाई-टेक गैजेट्स और शातिर रणनीति से काम करने वाले अपराधी भी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकते।