दिल्ली में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में “जल संगम से जन संगम – एकता का उत्सव” का भव्य आयोजन किया गया। पटेल चौक से शुरू हुए इस कार्यक्रम में देश की 25 पवित्र नदियों के जल से सरदार पटेल की प्रतिमा का अभिषेक किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वयं अपने करकमलों से अभिषेक करते हुए कहा कि यह जलाभिषेक भारत की एकता और अखंडता की उस भावना का प्रतीक है, जो सरदार पटेल ने राष्ट्र की आत्मा में प्रवाहित की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत केवल भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि एक जीवंत राष्ट्रपुरुष है, जिसकी चेतना हमारी नदियों में बहती है। उन्होंने ‘यूनिटी मार्च’ का नेतृत्व किया, जो पटेल चौक से नेशनल वॉर मेमोरियल तक निकाला गया। इस मार्च में हजारों विद्यार्थी, शिक्षक, एनएसएस स्वयंसेवक और माय भारत संगठन के युवा शामिल हुए। चारों ओर लहराते तिरंगे और गूंजते जयघोष ने पूरे वातावरण को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।
कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री पबित्र मार्गरीटा, सांसद बांसुरी स्वराज और शिक्षा मंत्री आशीष सूद सहित बड़ी संख्या में छात्र और नागरिक उपस्थित थे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरदार पटेल वह शक्ति थे जिन्होंने विभाजन की पीड़ा झेल रहे लाखों शरणार्थियों को आश्रय और सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली की विविधता, साहस और जीवटता पटेल जी की दूरदर्शिता की ही देन है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरदार पटेल को नमन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प को साकार करने का यह अवसर हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमें याद दिलाता है कि भारत की एकता उसकी सबसे बड़ी शक्ति है और यह भावना हमारी नदियों, संस्कृतियों और जनमानस में निरंतर प्रवाहित होती रहती है।







