
दिल्ली पुलिस की साउथ-ईस्ट ज़िला टीम ने एक ऐसे शातिर चोर को गिरफ्तार किया है, जिसने देश के बड़े-बड़े अस्पतालों को निशाना बनाकर हाई-प्रोफाइल चोरी की वारदातों को अंजाम दिया था। पकड़ा गया आरोपी विकास (31) पेशे से B.Tech इंजीनियर है और पुणे के MIT कॉलेज से पढ़ा हुआ है।
आरोपी ने दिल्ली-NCR के अपोलो, फोर्टिस, मणिपाल और नोएडा के मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल समेत जयपुर, मुंबई और पुणे में भी कई चोरियां की थीं। अपोलो अस्पताल, सरिता विहार में हुई चोरी के बाद दिल्ली पुलिस की एंटी नारकोटिक्स स्क्वॉड ने 400 से अधिक CCTV कैमरों की फुटेज खंगाल कर उसे पहचानते हुए पहरगंज के एक होटल से दबोच लिया।
पूछताछ में खुलासा हुआ कि आरोपी को डॉक्टरों से निजी दुश्मनी थी। कोरोना के इलाज के दौरान बिल में छूट न मिलने पर वह बुरी तरह कर्ज में डूब गया था और तभी से उसने बदला लेने की ठान ली थी।
उसका तरीका बेहद हाईटेक था। वह गूगल से अस्पतालों की जानकारी लेकर, बिना सिम वाले फोन और होटल वाई-फाई की मदद से लोकेशन ट्रेस से बचता था। चोरी के बाद फर्जी बिल बुक से सामान बेचकर सबूत मिटा देता था।
पुलिस ने उसके पास से चार लैपटॉप, एक मोबाइल फोन, एप्पल एयरपॉड, महंगे चश्मे और ₹6,100 नकद समेत चोरी का सामान बरामद किया है। आरोपी पहले भी पुणे और मुंबई में छह मामलों में शामिल रह चुका है। फिलहाल नोएडा में दर्ज एक केस की भी पुष्टि की जा रही है।
इस पूरी कार्रवाई की निगरानी एसीपी ऑप्स श्री दिलीप सिंह और इंस्पेक्टर विष्णु दत्त ने की।
दिल्ली पुलिस की इस कामयाबी से न सिर्फ कई मामलों की गुत्थी सुलझी, बल्कि देशभर के अस्पतालों में डर का माहौल भी कम होगा।