
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए फेज़-4 की सबसे गहरी भूमिगत सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया है। इग्नू मेट्रो स्टेशन साइट पर हुए इस टनल ब्रेकथ्रू के साथ, एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर (गोल्डन लाइन) के तहत एक महत्वपूर्ण कार्य संपन्न हुआ। इस उपलब्धि का गवाह बना पूरा शहर, जब मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता और पर्यावरण मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा की उपस्थिति में यह सफलता दर्ज की गई।मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मौके को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह केवल दिल्ली मेट्रो ही नहीं, बल्कि पूरे दिल्लीवासियों के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे से जोड़ना उनकी सरकार की प्राथमिकता है, और यह परियोजना उसी दिशा में एक और मजबूत कदम है।
इस सुरंग के निर्माण से राजधानी में सार्वजनिक परिवहन अधिक सुगम और पर्यावरण-अनुकूल होगा, जिससे ट्रैफिक जाम और प्रदूषण की समस्या कम करने में मदद मिलेगी।27 मीटर की औसत गहराई पर बनी यह सुरंग तकनीकी रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन डीएमआरसी की विशेषज्ञ टीम और अत्याधुनिक टनल बोरिंग मशीनों की मदद से इसे सफलतापूर्वक पूरा किया गया। यह दिल्ली मेट्रो के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि पूरे फेज़-4 के तहत कुल 40.10 किमी भूमिगत मेट्रो लाइन का निर्माण हो रहा है, जिसमें से 19.34 किमी हिस्सा एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह परियोजना दक्षिणी दिल्ली को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, प्रमुख अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों से बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों और श्रमिकों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उनकी मेहनत से ही यह सपना साकार हो पाया है।
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना को भी याद किया, जिन्होंने दिल्ली मेट्रो की आधारशिला रखी थी।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जिस तरह देश का इंफ्रास्ट्रक्चर लगातार बढ़ रहा है, वह हर नागरिक के लिए गर्व की बात है। एक्सप्रेसवे, मेट्रो और रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम के विकास से भारत प्रगति के नए आयाम छू रहा है, और दिल्ली भी उसी गति से आगे बढ़ रही है।
इस परियोजना के पूरा होने से लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी, उनका सफर सुरक्षित, सुविधाजनक और तेज़ होगा। साथ ही, सड़क यातायात पर दबाव कम होगा और वायु प्रदूषण में भी कमी आएगी। दिल्ली सरकार और डीएमआरसी ने यह सुनिश्चित किया है कि निर्माण कार्य तय समय-सीमा में पूरा हो, ताकि यात्री जल्द से जल्द इस सुविधा का लाभ उठा सकें।दिल्ली मेट्रो की गोल्डन लाइन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं, बल्कि राजधानी के भविष्य की नींव है—जो इसे एक आधुनिक, सुव्यवस्थित और ग्लोबल सिटी बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।