दिल्ली पुलिस के आउटर नॉर्थ जिले की साइबर पुलिस ने इस बार रामलीला उत्सव को सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक रंगों से नहीं, बल्कि जागरूकता के रंगों से भी सजाया है। अनोखी पहल करते हुए पुलिस ने रामलीला के मंच और मैदानों को साइबर अपराधों से बचाव का माध्यम बना दिया है।
त्यौहार के इस मौसम में जहां रामलीला मैदानों में हजारों लोग जुटते हैं, वहीं साइबर पुलिस ने इसी मौके को नागरिकों को डिजिटल ठगी से बचाने का सुनहरा अवसर बनाया। यहां पुलिस अधिकारी सीधे मंच से और दर्शकों के बीच जाकर सरल भाषा में समझा रहे हैं कि कैसे जालसाज फर्जी कॉल, लिंक और ऐप्स के जरिए लोगों को ठगते हैं।
लोगों को बताया जा रहा है कि ओटीपी, पासवर्ड और सीवीवी जैसी जानकारी किसी से भी साझा न करें। संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और न ही अज्ञात ऐप डाउनलोड करें। खासतौर पर उन कॉल्स से सतर्क रहें जो खुद को बैंक, पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर आपसे निजी जानकारी मांगते हैं।
रामलीला के दौरान न सिर्फ जानकारी दी जा रही है बल्कि पंपलेट भी बांटे जा रहे हैं, जिनमें लोन स्कैम, केवाईसी धोखाधड़ी, डिजिटल अरेस्ट और सेक्टॉर्शन जैसे मामलों से बचने के उपाय लिखे हैं। मंच से लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी दिखाए जा रहे हैं ताकि लोग तुरंत समझ सकें कि ठग कैसे काम करते हैं और उनसे बचने के लिए तुरंत क्या कदम उठाने चाहिए।
साइबर पुलिस ने जोर देकर कहा है कि अगर कोई वित्तीय धोखाधड़ी होती है तो तत्काल 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर शिकायत दर्ज करें।
आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी हरेश्वर स्वामी ने कहा कि पुलिस का मकसद है कि त्यौहार की खुशियों पर साइबर अपराधियों की नजर न पड़े। “हम चाहते हैं कि इस उत्सव में लोग न केवल रामलीला का आनंद लें बल्कि साइबर सुरक्षा का संदेश भी अपने घर ले जाएं। ‘Be Cyber Safe’ हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।”







