
नई दिल्ली: बीजेपी नेता और उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी आय में असामान्य वृद्धि को लेकर सवाल खड़े किए हैं। वर्मा ने चुनाव आयोग को दिए गए केजरीवाल के हलफनामे का हवाला देते हुए इसे “शराब घोटाले का खुलासा करने वाला दस्तावेज़” करार दिया।
प्रवेश वर्मा ने कहा, “2019-20 में अरविंद केजरीवाल ने ₹1,57,800 का आयकर रिफंड दिखाया था, लेकिन कोविड महामारी के दौरान 2020-21 में उनकी घोषित आय ₹45 लाख तक पहुंच गई। यह 4000% की चौंकाने वाली वृद्धि है। आखिर यह कैसे संभव हुआ?”
उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल की आय में यह उछाल उनकी सरकार की विवादास्पद शराब नीति का परिणाम है। वर्मा ने कहा, “जब दिल्ली की जनता महामारी के दौरान ऑक्सीजन और अस्पतालों में बिस्तरों के लिए संघर्ष कर रही थी, उस समय केजरीवाल सरकार शराब पर ‘1+1 फ्री’ जैसी योजनाओं में व्यस्त थी। यह उनकी सरकार के भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण है।”
प्रवेश वर्मा ने यह भी सवाल उठाया कि जब साधारण सरकारी कर्मचारियों की आय में मामूली वृद्धि पर सवाल खड़े किए जाते हैं, तो एक पूर्व मुख्यमंत्री की आय में 40 गुना वृद्धि पर चुप्पी क्यों है? उन्होंने केजरीवाल के हलफनामे और आयकर रिटर्न की विस्तृत जांच की मांग करते हुए कहा, “यह दस्तावेज़ सिर्फ एक कागज नहीं है, बल्कि उनकी सरकार में हुए भ्रष्टाचार का सबूत है। जनता के साथ यह सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती।”
- क्या केजरीवाल की आय में वृद्धि शराब नीति से जुड़ी है?
- क्या महामारी के दौरान जनता के साथ विश्वासघात हुआ?
वर्मा ने जोर देकर कहा कि दिल्ली की जनता को इन सवालों के जवाब जानने का हक है और निष्पक्ष जांच के माध्यम से ही सच्चाई सामने आएगी। उन्होंने इसे “शराब घोटाले का कुबूलनामा” करार दिया और न्यायिक जांच की आवश्यकता पर जोर दिया।