मुंबई (अनिल बेदाग): भारत के ऑलराउंडर पहलवान संग्राम सिंह ने एक बार फिर देश का मान बढ़ाते हुए अपने पहले MMA मुकाबले में शानदार जीत हासिल की। जॉर्जिया के त्बिलिसी में हुए गामा इंटरनेशनल फाइटिंग चैंपियनशिप में संग्राम ने पाकिस्तानी अंतरराष्ट्रीय फाइटर अली रज़ा निसार को मात्र 1 मिनट 30 सेकंड में सबमिशन के ज़रिए पराजित कर दिया। यह उपलब्धि उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जीत हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष पहलवान बनाती है, जो कि भारतीय खेलों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
संग्राम सिंह का नाम रेसलिंग की दुनिया में पहले से ही जाना-माना है। उन्होंने कॉमनवेल्थ हैवीवेट रेसलिंग चैंपियनशिप में देश का प्रतिनिधित्व किया है और कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का नाम रोशन किया है। उनकी रेसलिंग की यात्रा और भी प्रेरणादायक है क्योंकि उन्होंने अपने युवावस्था में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे रुमेटॉयड आर्थराइटिस, को हराया है, जिससे वे कभी व्हीलचेयर तक पहुंच गए थे। लेकिन अपने संकल्प और हिम्मत के दम पर उन्होंने खुद को एक चैंपियन पहलवान के रूप में स्थापित किया।
रेसलिंग के अलावा, संग्राम सिंह फिटनेस और स्वास्थ्य में अपने योगदान के लिए भी जाने जाते हैं। वह सरकार के प्रमुख फिट इंडिया मूवमेंट के फिट इंडिया आइकन हैं, जहां वे लाखों लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। इसके अलावा, वह विकसित भारत और स्वच्छ भारत जैसे अभियानों के ब्रांड एंबेसडर भी हैं, जो उन्हें भारत के युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बनाता है।
अपनी हालिया MMA जीत पर संग्राम सिंह ने कहा, “जीत सिर्फ अपने प्रतिद्वंदी को हराने के बारे में नहीं है; यह अपने खुद के सीमाओं को पार करने के बारे में है। जब आपके पास दृढ़ संकल्प और सफलता की चाहत हो, तो आप किसी भी उम्र में जीत सकते हैं।” 40 वर्ष की उम्र में 93 किलोग्राम वर्ग में संग्राम ने अपने से 17 साल छोटे प्रतिद्वंदी के खिलाफ मुकाबला कर दिखाया कि अनुभव और मानसिक मजबूती युवावस्था और ताकत को भी मात दे सकते हैं।
संग्राम सिंह का यह सफर व्यक्तिगत चुनौतियों को पार करके भारत के लिए वैश्विक मंच पर गौरव लाने की कहानी है। उनकी यह यात्रा न केवल भारत बल्कि विश्व भर के उभरते हुए एथलीट्स के लिए एक प्रेरणा है कि समर्पण और दृढ़ता से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।