नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ने 11 दिसंबर 2024 को नवजात शिशु स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। अस्पताल ने अपनी स्तनपान प्रबंधन इकाई (Lactation Management Unit – LMU) का उद्घाटन किया। मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. संदीप बंसल ने इसे समय की जरूरत बताया और कहा कि यह पहल भारत सरकार की हर नवजात इकाई में मिल्क बैंक स्थापित करने की योजना के अनुरूप है। यह इकाई हर साल अस्पताल के मदर-NICU में भर्ती होने वाले लगभग 2000 बाहरी नवजातों को लाभ पहुंचाएगी।
वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. गीता खन्ना ने इसे नवजात मृत्यु और बीमारियों को कम करने में क्रांतिकारी कदम बताया। वहीं, डॉ. रतन गुप्ता (प्रमुख, बाल रोग विभाग) ने स्वास्थ्य मंत्रालय और अस्पताल प्रशासन के सहयोग को इसका आधार बताया।
भारत में हर साल 2.7 करोड़ बच्चों का जन्म होता है, लेकिन नवजात मृत्यु दर 1,000 जीवित जन्मों पर 20 है। डॉ. सुगंधा आर्या (इंचार्ज, मदर-NICU) ने बताया कि अस्पताल का 40 बेड वाला लेवल-3 मदर-NICU शिशुओं और माताओं के लिए “जीरो सेपरेशन पॉलिसी” के तहत काम करता है। यह माताओं के दूध या डोनर ह्यूमन मिल्क के माध्यम से पोषण प्रदान करेगा।
डॉ. रिया श्रीयन (असिस्टेंट प्रोफेसर, मदर-NICU) ने कहा कि यह इकाई केंद्रीय सरकारी अस्पतालों में पहली ऐसी इकाई है, जो रेफर किए गए नवजात शिशुओं को सेवाएं देगी।
स्तनपान से बच्चों के IQ में वृद्धि, न्यूरो-डेवलपमेंट में सुधार और देश की अर्थव्यवस्था में $626 मिलियन का योगदान संभव है। यह हर साल भारत में 1,60,000 से अधिक बच्चों की जान बचाने में सक्षम है।
डॉ. संदीप बंसल ने इसे नवजात पोषण और मातृ-शिशु जुड़ाव को प्राथमिकता देने वाला एक आदर्श कदम बताया। उन्होंने कहा कि यह इकाई भारत के सबसे कमजोर नवजातों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की उम्मीद जगाती है।