
समालखा, 12 जनवरी 2025: हरियाणा के समालखा स्थित संत निरंकारी आध्यात्मिक स्थल पर आयोजित भक्ति पर्व समागम में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सच्ची भक्ति का अर्थ है परमात्मा से गहरा जुड़ाव और निःस्वार्थ प्रेम।
उन्होंने कहा, “भक्ति न इच्छाओं का सौदा है, न स्वार्थ का माध्यम। यह जीवन को दिव्यता और आनंद से भर देती है।” माता जी ने भक्ति में निःस्वार्थता और समर्पण को आवश्यक बताया और इसे जीवन को उत्सव में बदलने वाला बताया।

कार्यक्रम में दिल्ली-एनसीआर सहित देश-विदेश से आए हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। सत्संग, गीत, कविताओं और प्रवचनों के माध्यम से गुरु महिमा और भक्ति का संदेश दिया गया। माता जी ने भगवान हनुमान, मीराबाई और बुद्ध भगवान के भक्ति स्वरूपों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनका मर्म एक ही था—परमात्मा से अटूट जुड़ाव।
माता सविंदर जी और राजमाता जी के जीवन को भक्ति और सेवा का प्रतीक बताते हुए, सतगुरु माता जी ने निरंकारी मिशन के इस मूल सिद्धांत को दोहराया कि ब्रह्मज्ञान ही सच्ची भक्ति का आधार है।
श्रद्धालुओं ने सतगुरु के अमूल्य प्रवचनों से प्रेरणा लेते हुए भक्ति के महत्व को समझा और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
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