
दिल्ली क्राइम ब्रांच की AHTU टीम ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए 70 से अधिक ऑटो चोरी के मामलों में वांछित कुख्यात ऑटो लिफ्टर अवतार सिंह उर्फ हनी सिंह को पंजाब के पटियाला जिले से गिरफ्तार किया है। आरोपी लंबे समय से कानून की गिरफ्त से बचता फिर रहा था और दिल्ली के कई थानों में उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। चार मामलों में वह अदालत द्वारा घोषित अपराधी (प्रोक्लेम्ड ऑफेंडर) है, जबकि एक मामले में गैर-जमानती वारंट और दूसरे में धारा 82 सीआरपीसी की कार्रवाई जारी है।
क्राइम ब्रांच की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) की टीम ने गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर अवतार सिंह को पंजाब के गांव लाखो माजरा से धर दबोचा। वह पहले दिल्ली के रानी बाग और विकास नगर में रहता था, लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदलता रहा।
अवतार सिंह 8वीं तक पढ़ा है और उसने मायापुरी में काम करते हुए अन्य ऑटो लिफ्टर्स से वाहन चोरी के गुर सीखे। जल्दी पैसे कमाने की चाह में वह संगठित वाहन चोरी के जाल में फंस गया। अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि उसके खिलाफ 70 वाहन चोरी के मामले दर्ज हैं। उसका भाई गुरजीत सिंह उर्फ हैप्पी भी इसी तरह के अपराधों में संलिप्त है और इस वक्त तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में है।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, अवतार सिंह को निम्नलिखित मामलों में अदालत ने फरार घोषित किया है:थाना ख्याला, एफआईआर 4980/2021,थाना मायापुरी, एफआईआर 163/2014,थाना तिलक नगर, एफआईआर 5553/2021,थाना नांगलोई, एफआईआर 36687/2017
इसके अलावा, रानी बाग थाना क्षेत्र के दो मामलों में उस पर कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट और धारा 82 की कार्यवाही भी शुरू कर दी है।
AHTU की टीम में इंस्पेक्टर मनोज दहिया के नेतृत्व में एएसआई राजेश, हेड कांस्टेबल अजीत और जय किशन शामिल थे। इस गिरफ्तारी को क्राइम ब्रांच के लिए एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है, जिससे दिल्ली और आस-पास के इलाकों में संगठित वाहन चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
डीसीपी क्राइम ब्रांच विक्रम सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ हमारी निरंतर और रणनीतिक निगरानी का नतीजा है। पुलिस टीम की सतर्कता और तकनीकी निगरानी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता।