
नई दिल्ली, 3 जून 2025 — दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है। साल 2016 के एक संवेदनशील POCSO मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषी शंभू यादव को, जो पिछले पांच वर्षों से फरार था, बिहार के गया जिले से गिरफ्तार किया गया है।
शंभू यादव को साल 2020 में कोविड महामारी के दौरान 8 हफ्तों की इमरजेंसी पैरोल मिली थी, लेकिन वह जेल में वापस नहीं लौटा और फरार हो गया था। तब से वह देशभर में जगह-जगह ठिकाने बदलकर छिपता रहा।
दिल्ली के अलीपुर थाने में दर्ज इस मामले में शंभू ने एक चार वर्षीय मासूम के साथ जघन्य अपराध किया था, जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
WR-II, क्राइम ब्रांच की टीम ने इंस्पेक्टर गौतम मलिक की अगुवाई में करीब 48 घंटे तक लगातार अभियान चलाया और आखिरकार बिहार के अत्री थाना क्षेत्र से उसे धर दबोचा।
शंभू यादव गिरफ्तारी से बचने के लिए मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहा था और केवल अनजान लोगों के फोन से परिवार से संपर्क करता था। उसकी गिरफ्तारी पर जेल प्रशासन ने ₹5000 का इनाम भी घोषित किया था।
क्राइम ब्रांच की यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि न्याय से बचने की कोई कोशिश आखिरकार कानून की पकड़ से नहीं बच सकती।